कुछ साँस लेते हैं
कुछ ज़िंदगी जीते हैं
वह ज़िंदगी का अर्थ समझा के चला गया
कोई धन कमाते हैं
कोइ घर बनाते है
वह देश पे सब लुटा के चला गया
कुछ अपने लिए जीते हैं
कुछ परीवार पे जान छिड़कते हैं
वह देश प्रेम में मगन रह के चला गया
कोई धर्म पे मरते हैं
कोई करम पे चलते हैं
वह देश की निष्ठा सीखा के चला गया
वह हमारे साथ नहीं तो कया
उसके विचार हमारे साथ हैं
वह इस दुनिया में नहीं तो कया
उसके अटल सिद्धांत हमारे साथ हैं
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